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Friday, 1 November 2019

हनुमान चालीसा - Hanuman Chalisa Lyrics from Hanuman Returns

पाठको, हनुमान चालीसा भजन हिंदी मैं आपके सामने लाते समय बहुत ख़ुशी हो रही है. यह गीत भजन श्रेणी मैं आता है. मूल हनुमान चालीसा संत तुलसीदास ने लिखी है मगर इसे अलग अलग प्रकार से दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया है.

हम आपके लिये लाये है यही हनुमान चालीसा भजन के बोल/लिरिक्स साल २००७ मैं आयी फिल्म हनुमान रिटर्न्स से. इस हनुमान चालीसा को गाया है अरमान मलिक, बेबी अपर्णा, श्रावन सुरेश और स्नेहा खानविलकर ने. इसे संगीत दिया है तपस रेलिआ ने.

प्रस्तुत है इस जानकारी के साथ हनुमान चालीसा भजन हिंदी मैं. जय श्रीराम! जय हनुमान!



फिल्म / एल्बम : हनुमान रिटर्न्स  (2007)
संगीत दिया है: तपस रेलिआ
गीत के बोल: संत तुलसीदास
गायक:  अरमान मलिक, बेबी अपर्णा , श्रावन सुरेश , स्नेहा  खानवलकर

दोहा

श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके
सुमिरौं पवन कुमार...
बल बुधि विद्या देहु मोहि
हरहु कलेश विकार...

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥

राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥2॥

महावीर विक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥4॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा विराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥5॥

शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥6॥

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥7॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥8॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥10॥

लाय संजीवन लखन जियाए
श्री रघुवीर हरषि उर लाए॥11॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥12॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥13॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥14॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥15॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥16॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥17॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥18॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥19॥

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥

राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥21॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥22॥

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥23॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥24॥

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥25॥

संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥26॥

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥

और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥29॥

साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥31॥

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥34॥

और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥38॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥39॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥40॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित
हृदय बसहु सुर भूप॥



Hanuman Chalisa Lyrics from Hanuman Returns


Doha

shriguru charan saroj raj nij manu mukuru sudhari।
barnau raghubar bimal jasu jo dayku fal chari॥

buddhihin tanu janike
sumiro pawan kumar...
bal buddhi vidhya dehu mohi
harh kalesh vikar...

Chaupai

jay hanuman gyan gun sagar
jay kapis tihu lok ujagar ॥1॥

ram dut atulit bal dhama
anjani putra pawansut nama ॥2॥

mahaveer vikaram bajrangi
kumati nivar sumati ke sangi ॥3॥

kanchan baran biraj subera
kanan kundal kunchit kesa ॥4॥

hanth vajra dwaja viraje
kandhe muj janeu saje ॥5॥

shankar suvan kesari nandan
tej pratap maha jagvandan ॥6॥

vidyavan guni ati chatur
ram kaj karibe ko aatur ॥7॥

prabhu charitra sunibe ko rasiya
ram lakhan sita manbasiya ॥8॥

sukshm rup dhari siyahi dikhawa
bikat rup dhari lank jarava ॥9॥

bhim rup dhari asur sanhare
ramchandra ke kaaj saware ॥10॥

lay sanjeevan lakahan jiyay
shri raghuveer harshi ur laye ॥11॥

raghupati kinhi bahut badai
tum mam priy bharat hi sam bhai ॥12॥

sahas badan tumro jas gave
as kahi shripati kanth lagave ॥13॥

sankadik bramadi munisa
narad sarad sahit ahisa ॥14॥

jam kuber digpal jaha te
kavi kovid kahi sake kaha te ॥15॥

tum upkar sugrivahi kinha
ram milay raj pad dinha ॥16॥

tumro mantra bibhishan mana
lankeshwar bhaye sab jag jana ॥17॥

jug sahastra jojan par bhanu
lilyo tahi madhur fal janu ॥18॥

prabhu mudrika meli mukh mahi
jaldhi langhe gaye achraj nahi ॥19॥

durgam kaj jagat ke jete
sugam anugraha tumre tete ॥20॥

ram duare rakhware
hot na adnya binu paisare ॥21॥

sab sukh laye tumari sarna
tum rakshak kahu ko darna ॥22॥

apan tej samharo ape
tini lok hank te kape ॥23॥

bhut pishach nikat nahi aave
mahaveer jab nam sunave ॥24॥

nase rog hare sab peera
japat nirantar hanumat bira ॥25॥

sankat te hanuman chudave
man kram vachan dhyan jo lave ॥26॥

sab par ram tapasvi raja
tinke kaj sakal tum saja ॥27॥

aur manorath jo koi lave
soyi amit jivan fal pave ॥28॥

charo jug partap tumhara
hai parsidh jagat ugiyara ॥29॥

sadhu sant ke tum rakhware
asud nikandan ram dulare ॥30॥

ast sidhhi nau nidhi ke data
as bar din janki maata ॥31॥

ram rasayan tumre pasa
sada raho raghupati ke dasa ॥32॥

tmhre bhajan ram ko pave
janam janam ke dukh bisarave ॥33॥

antkal raghuvarpur jae
jaha janm haribhakt kahaye ॥34॥

aur devta chitta na dharee
hanumant seyi sarv sukh karayi ॥35॥

sankat kate mite sab pira
jo sumire hanumat balbira ॥36॥

jay jay jay hanuman gusai
karupa karhu gurudev ki nayi ॥37॥

jo sat bar path kar koi
chutahi bandi maha sukh hoe ॥38॥

jo yeh padhe hanuman chalisa
hoy sidh sakhi gaurisa ॥39॥

tulsidas sad hari chera
kije nath ruday mah dera ॥40॥

Doha

pawan tanay sankat haran
managal murti rup।
ram lakshan sita sahit
ruday bashu sur bhup ॥

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