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Sunday, 17 November 2019

ब्रेथलेस - Breathless Full Lyrics By Shankar Mahadevan

पाठको, इस बार आपके लिये प्रस्तुत है, 'ब्रेथलेस' अथवा 'कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था' गीत के संपूर्ण बोल हिंदी मैं. यह गीत गैरफिल्मी गीतो के श्रेणी मैं आता है और यह शंकर महादेवन की साल १९९८  मैं आयी अल्बम 'ब्रेथलेस' से है. यह गीत के बोल लिखे है जावेद अख्तर साहब ने और इसे संगीत दिया है शंकर-एहसान-लॉय ने. 'कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था' गीत एक सांस मैं गाया है शंकर महादेवन ने. पहले यह गीत अपने प्रथम अंश मैं आया जो की आधा गीत था. फिर, इसका द्वितीय अंश आया. हमने यहाँ दोनो अंश जोड़ के संपूर्ण 'ब्रेथलेस' गीत के बोल प्रस्तुत किये है.

इस जानकारी के साथ पेश है, 'ब्रेथलेस' अथवा 'कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था' गीत के संपूर्ण बोल हिंदी मैं.



फिल्म / एल्बम : ब्रेथलेस (1998)
संगीत दिया है: शंकर-एहसान-लॉय
गीत के बोल: जावेद अख्तर
गायक: शंकर महादेवन

कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था जैसे
मेरी सारी दुनिया मैं गीतों की रुत
या मैं गीतों की रुत और रंगों की बरखा है
खुशबू की आँधी है

महकी हुई सी अब सारी फिज़ायें हैं
बहकी हुई सी अब सारी हवाएँ हैं
खोयी हुई सी अब सारी दिशाएँ हैं
बदली हुई सी अब सारी अदाएँ हैं

जागी उमंगें हैं धड़क रहा है दिल
साँसों में तूफाँ हैं होठों पे नगमे हैं
आँखों में सपने हैं
सपनों में बीते हुए सारे वो सारे लम्हें हैं

जब कोई आया था
नज़रों पे छाया था
दिल में समाया था
कैसे मैं बताऊँ तुम्हें
कैसा उसे पाया था

प्यारे से चेहरे पे बिखरी जो जुल्फें तो ऐसा लगता था
जैसे कोहरे के पीछे इक ओस मैं धुला हुआ फूल खिला है
जैसे बादल में एक चाँद छुपा है और झाँक रहा है
जैसे रात के परदे में एक सवेरा है रोशन रोशन..

आँखों में सपनों का सागर जिसमें प्रेम सितारों की चादर जैसे
झलक रही है लहरों लहरों..
बात करे तो जैसे मोती बरसे
जैसे कहीं चांदी की पायल गूंजे
जैसे कहीं शीशे के जाम गिरे और छन से टूटे
जैसे कोई छिप के सितार बजाये
जैसे कोई चांदनी रात में गाए
जैसे कोई हौले से पास बुलाये

कैसी मीठी बातें थी वो
कैसी मुलाकातें थी वो
जब मैंने जाना था
नज़रों से कैसे पिघलते हैं दिल और आरज़ू पाती है कैसे मंज़िल
और कैसे उतरता है चाँद जमीन पर
कैसे कभी लगता है स्वर्ग अगर है
तो बस है यहीं पर..

उसने बताया मुझे और समझाया मुझे
हम जो मिले हैं हमें ऐसे ही मिलना था
गुल जो खिले हैं उन्हें ऐसे ही खिलना था
जन्मों के बंधन जन्मों के रिश्ते हैं
जब भी हम जन्मे तो हम यूँ ही मिलते हैं
कानों में मेरे जैसे शहद से घुलने लगे
ख़्वाबों के दर जैसे आँखों में खुलने लगे

ख़्वाबों की दुनिया भी कितनी हसीं और कैसी रंगीन थी
ख़्वाबों की दुनिया जो कहने को थी पर कहीं भी नहीं थी
ख्वाब जो टूटे मेरे
आँख जो खुली मेरी
होश जो आया मुझे
मैंने देखा
मैंने जाना

वो जो कभी आया था
नज़रों पे छाया था
दिल में समाया था
जा भी चुका है और दिल मेरा अब तन्हाँ तन्हाँ..

न तो कोई अरमां है न कोई तमन्ना है
और न कोई सपना है
अब जो मेरे दिन और अब जो मेरी राते हैं
उनमें सिर्फ आँसू हैं
उनमें सिफ दर्द की रंज की बातें हैं
और फरियादें हैं
मेरा अब कोई नहीं

मैं हूँ और खोये हुए प्यार की यादें हैं (3)

डूब गया है दिल ग़म के अँधेरे में
मेरी सारी दुनिया है दर्द के घेरे में
मेरे सारे गीत ढले आहों में
बन के दीवाना अब यहाँ वहाँ फिरता हूँ
ठोकर खाता हूँ उन राहों में

जहाँ उसे देखा था
जहाँ उसे चाहा था
जहाँ मैं हँसा था और बाद में रोया था
जहाँ उसे पाया था
पा के खोया था

जहाँ कभी फूलों के
कलियों के साए थे
रंगीं-रंगीं महकी रुत ने
हर इक कदम पर रास रचाए थे
गुलशन गुलशन दिन में उजाले थे
जगमग जगमग नूर था रातों में
झिलमिल झिलमिल...

जब मैंने ख़्वाबों की देखी थी मंज़िल
जहाँ मेरी कश्ती ने पाया था साहिल
जहाँ मैंने पाई थी पलकों की छाँव

जहाँ मेरी बाहों में कल थी किसी की मरमरी बाहें
जहाँ एक चेहरे से हटती नहीं थी मेरी निगाहें
जहाँ कल नरमी ही नरमी थी
प्यार ही प्यार था बातों में
हाथ थे हाथों में

जहाँ कल गाये थे प्रेम तराने
जहाँ कल देखे थे सपने सुहाने
किसी को सुनाए थे दिल के फ़साने
जहाँ कल खाई थी जीने की मरने की कसमें
तोड़ी थी दुनिया की सारी रस्में

जहाँ कल बरसा था प्रीत का बादल
जहाँ मैंने थामा था कोई आँचल
जहाँ पहली बार हुआ था मैं पागल

अब उन राहों में कोई नहीं है
अब हैं वो राहें वीराँ वीराँ
दिल भी है जैसे हैराँ हैराँ

जाने कहाँ गया मेरे सपनों का मेला
ऐसे ही ख्यालों में खोया खोया
घूम रहा था मैं कबसे अकेला

चंदा सितारे जैसा कोई गगन में
गूंजी सदा कोई मन आँगन में

किसी ने पुकारा मुझे
मुड़ के जो देखा मैंने
मिल गया खोया हुआ दिल का सहारा मुझे
जिसे मैंने चाहा था जिसे मैंने पूजा था
लौट के आया है थोड़ा शर्मिंदा है थोड़ा घबराया है
ज़ुल्फें परेशाँ हैं काँपते होठ और भीगी हुई आँखें हैं

देख रहा है मुझे गुमसुम गुमसुम
उसकी नज़र जैसे पूछ रही हो
इतना बता दो कहीं खफ़ा तो नहीं तुम
प्यार जो देखा फिर मेरी निगाहों में
आया नहीं कल था वो मेरी इन बाहों में
भूल गया मेरा दिल जैसे हर ग़म
बदल गया जैसे दुनिया का मौसम

झूमे नज़ारे और झूमी फ़िज़ाएँ
और झूमे चमन और झूमी हवाएँ
जैसे फिर कहने लगी सारी दिशाएँ
कितनी हसीं है कितनी सुहानी
हम दोनों की प्रेम कहानी... हम दोनों की प्रेम कहानी...


Breathless Full Lyrics By Shankar Mahadevan


koi jo mila to muze aisa lagata tha jaise
meri sari duniya mai geeto ki rut
ya mai gito ki rut aur rango ki bharkha hai
khushbu ki andhi hai

mahaki hue si ab sari fizaye hai
bahaki hue si ab sari hawai hai
khoi hue si ab sari dishaye hai
badali hue si ab sari adaye hai

jagi umange hai dhadak raha hai dil
sanso mai tufa hai honto pe nagme hai
ankho mai sapne hai
sapano mai bite hua sare woh sare lamhe hai

jab koi aya tha
najaro pe chaya tha
dil main samaya tha
kaise mai batau tumhe
kaisa use paya tha

pyare se chehre pe bikhari jo zulfe to aisa lagta tha
jaise kohre ke piche ek aous mai dula hua ful khila hai
jaise badal mai ek chand chupa hai aur zank raha
jaise badal mai ek chand chupa hai aur zank raha hai
jaise rat ke parde mai ek savera hai roshan roshan..

ankho mai sapno ka sagar jisme prem sitaro ki chadar jaise
zalak rahi hai laharo lahro..
baat kare to jaise moti barse
jaise kahi chandi ki payal gunje
jaise kahi shishe ke jam gire aur chan se tute
jaise koi chip ke sitar bajaye
jaise koi chandani rat mai gaye
jaise koi haule se pass bulaye

kaisi mithi baate thi woh
kaisi mulakate thi woh
jab maine jana na tha
nazaro se kaise pighalte hai dil aur aarzu pati hai kaise manjil
aur kaise utarta hai chand jameen par
kaise kabhi lagta hai swarg agar hai
to bass hai yahi par..

usane bataya muze aur samjaya muze
hum jo mile hai hume aise hi mil na tha
gul jo khile hai unhe aise hi khilna tha
janmo ke bhandhan janmo ke riste hai
jab bhi hum janme to hum yu hi milte hai
kano mai jaise shahad se ghulne lage
kwabo ke dar jaise ankho mai khulne lage

kwabo ki duniya bhi kitni hasi aur kaise rangeen thi
kwabo ki duniya jo kahane ko thi par kahi bhi nahi thi
kwab jo tute mere
aankh jo khuli meri
hosh jo aya muze
maine dekha
maine jana

woh jo kabhi aya tha
nazaro pe chaya tha
dil main samaya tha
ja bhi chuka hai aur dil mera ab tanha tanha..

na to koi arma hai na koi tammanna hai
aur n koi sapna hai
ab jo mere din hai aur ab jo meri raante hai
unme sirf ansu hai
unme sift dard ki ranj ki baate hai
aur firyade hai
mera ab koi nahi

mai hu aur kjoye hua pyar ki yade hai (3)

dub gaya hai dil gham ke andhe mai
meri sari duniya hai dard ke ghere mai
mere sare geet dhal aahe me
ban ke diwana ab yaha waha firta hu
thokar khata hua un rahi mai

jaha use dekha tha
jaha use chaha tha
jaha mai hasa tha aur bad main roya tha
jaha use paya tha
pa ke khoya tha

jaha kabhi phulo ke
kaliyo ke saye the
rangi rangi mahki rut ne
har ek kadam par ras rachaye the
gulshan gulshan din mai ujale the
jagmag jagmag nur tha rato mai
zilmil zilmil...

jab maine kwabo ki dekhi thi manjil
jaha meri kasti ne paya tha sahil
jaha maine pae thi palko ki chawn

jaha meri baho mai kal thi kiti ki marmari bahe
jaha ek chehre se hatati nahi thi meri nigahe
jaha kal narmi hi narmi thi
pyar hi pyar tha bato mai
hat the hato mai

jaha kal gaye the prem tarane
jaha kal dekhe the sapne suhane
kisi ko sunaye the dil ke fasane
jaha kal khae thi jine ki marne ki kasme
todi thi duniya ki sari rasme

jaha kal barsa tha prit ka badal
jaha maine thama tha koi anchal
jaha pehli bar hua tha mai pagal

ab un raho mai koi nahi hai
ab hai woh rahe veera veera
dil bhi hai jaise hera hera

jane kaha gaya mere sapno ka mela
aise hi kyalo me khoya khoya
ghum raha tha mai kabse akela

chanda sitare jaise koi gagan mai
gunji sada koi man angan mai
kisi ne pukara muze
mood ke jo dekha maine
mil gaya khoya hua dil ka sahara muze
jise maine chaha tha jise maine puja tha
laut ke aya hai thoda sharminda hai thoda ghabraya hai
julfe paresha hai kapte oth aur bhigi hue ankhe hai

dekh raha hai muze gumsum gumsum
usaki najar jaise punch rahi ho
itna bata do kahi khafa to nahi tum
pyar jo dekha fir meri nigaho mai
aya nahi kal tha wo meri in banho mai
bhul gaya mera dil jaise har gam
badal gaya jaise duniya ka mausam

zume nazare aur zumi fizaye
aur zume chaman aur zumi hawaye
jaise fir kahane lagi sari dishaye
kitni hansi hai kitni suhani
hum dono ki prem kahani... hum dono ki prem kahani...

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