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Wednesday, 6 November 2019

गीत गाता चल - Geet Gata Chal Lyrics from Geet Gata Chal

पाठको, प्रस्तुत है आपके सामने 'गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल' गीत के बोल हिंदी मैं. यह गीत साल १९७५ मैं आयी फिल्म 'गीत गाता चल' से है. 'गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल' गीत को लिखा और संगीत से सजाया है रविंद्र जैन ने. इस गीत को जसपाल सिंग की जादुई आवाज ने अजरामर कर दिया है. यह गीत सचिन पिळगावकर पर चित्रित हुआ है.

इस विस्तृत जानकारी के साथ पेश है, 'गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल' गीत के बोल हिंदी मैं. आनंद लें!



फिल्म / एल्बम : गीत गाता चल (1975)
संगीत दिया है: रविंद्र जैन
गीत के बोल: रविंद्र जैन
गायक: जसपाल सिंग

गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल (2)

ओ..  बंधु रे...

हसते हसाते बीते हर घड़ी, हर पल
गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल

ओ .. साथी..  गीत गाता चल
ओ.. साथी..  गुनगुनाता चल

खुला खुला गगन ये हरी भरी धरती
जितना भी देखु तबियत नहीं भरती

सुन्दर से सुन्दर हर इक रचना
फूल कहे काँटों से भी सीखो हँसना
ओ राही सीखो हँसना..
ओ राही रे...
कुम्हला न जाए कही मन तेरा कोमल

गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल
ओ साथी गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल

चांदी सा चमकता ये नदिया का पानी रे...
पानी की हर इक बूंद देति ज़िंदगानी
ओ..
अम्बर से बरसे ज़मीं पे गिरे
नीर के बिना हो भैया काम ना चले
ओ भैया काम ना चले..
ओ मेघा रे...
जल जो न होता तो ये जग जाता जल

गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल
ओ साथी गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल

कहाँ से तू आया और कहा तुझे जाना है
खुश है वही जो इस बात से बेगाना है

चल चल चलति हवाए करे शोर
उड़ते पखेरू खींचे मनवा की डोर
ओ खींचे मनवा की डोर
ओ पंछी रे...

पछियो के पंख लेके हो जा तू ओझल

गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल
ओ साथी गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल

गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल
गीत गाता चल
ओ साथी गुनगुनाता चल



Geet Gata Chal Lyrics from Geet Gata Chal


geet gata chal
o sathi gun gunata chal (2)

oo..  bandhu re...

haste hasate  bite har ghadi har pal
geet gata chal oo sathi gun gunata chal

oo.. sathi..  geet gata chal
oo.. sathi..  gun gunata chal

khula khula gagan ye hari bhari dharti
jitana bhi dekhu tabiyat nahi bharti

sundar se sundar har ek rachana
ful kahe kanto se bhi sikho hansana
oo rahi sikho hansna..
oo rahi re...
kumhla n jaye kahi man tera komal

geet gata chal
o sathi gun gunata chal
o sathi geet gata chal
o sathi gun gunata chal

chandi sa chamkata ye nadiya ka pani re...
pani ki har ek bund deti zindagani
oo..
ambar se barsi jami pe gire
nir ke bina ho bhaiya kam na chale
o bhaiya kam na chale..
o megha re...
jal jo na hota to ye jag jata jaal

geet gata chal
o sathi gun gunata chal
o sathi geet gata chal
o sathi gun gunata chal

kaha se tu aya aur kaha tuze jana hai
khush hai wahi jo is baat se begana hai

chal chal chalati hawaye kare shor
udate pakheru khiche manva ki dor
o khiche manva ki dor
o panchi re...

panchiyo ke pankh leke ho ja tu ozal

geet gata chal
o sathi gun gunata chal
o sathi geet gata chal
o sathi gun gunata chal

geet gata chal
o sathi gun gunata chal
geet gata chal
o sathi gun gunata chal

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