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Thursday, 21 November 2019

अभी मुझ में कहीं - Abhi Mujh Mein Kahin Lyrics from Agneepath

दर्शको, इस बार प्रस्तुत है 'अभी मुझ में कहीं बाक़ी थोड़ी सी है ज़िन्दगी' गीत के बोल हिंदी मैं. यह गीत साल २०१२ मैं आयी फिल्म 'अग्निपथ' से है. इस गीत के बोल लिखे है अमिताभ भट्टाचार्य ने और इसे बहुत सुंदरता से गाया है सोनू निगम ने अपने प्यारे आवाज मैं. 'अभी मुझ में कहीं' गीत को संगीत दिया है मराठी संगीतकार जोडी अजय गोगावले, अतुल गोगावले ने.

२०१२ मैं आयी यह फिल्म अमिताभ बच्चन की १९९० मैं आयी 'अग्निपथ' फिल्म की पुनर्निर्माण फिल्म थी. इस फिल्म मैं ह्रितिक रोशन और प्रियांका चोप्रा मुख्य किरदार मैं दिखे और यह २०१२ की म्युझिकल हिट रही. इस जानकारी के साथ पेश है, 'अभी मुझ में कहीं' गीत के बोल हिंदी मैं. धन्यवाद!



फिल्म / एल्बम : अग्निपथ (2012)
संगीत दिया है: अजय गोगावले, अतुल गोगावले
गीत के बोल: अमिताभ भट्टाचार्य
गायक: सोनू निगम

अभी मुझ में कहीं..
बाकी थोड़ी सी है जिन्दगी..

जागी धड़कन नई
जाना ज़िन्दा हूं मैं तो अभी..

कुछ ऐसी लगन
इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा...

अभी है सामने...
इसे छु लूं ज़रा...
मर जाऊं या जी लूं ज़रा...

खुशियाँ चूम लूं ... या रो लूं ज़रा...
मर जाऊं या.. जी लूं ज़रा...

अभी मुझ में कहीं
बाकी थोड़ी सी है जिन्दगी

धूप में जलते हुए तन को
छाया पेड़ की मिल गयी..
रूठे बच्चे की हंसी जैसे
फुसलाने से फिर खिल गयी...

कुछ ऐसा ही महसुस दिल को
हो रहा
बरसों के पुराने ज़ख्मों पे मरहम
लगा सा है

कुछ एहसास है
इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा...

अभी है सामने...
इसे छु लूं ज़रा...
मर जाऊं या जी लूं ज़रा...

खुशियाँ चूम लूं ... या रो लूं ज़रा...
मर जाऊं या.. जी लूं ज़रा...

डोर से पतंग जैसी
थी ये ज़िन्दगी मेरी..
आज हो कल हो मेरा ना हो
हर दिन थी कहानी मेरी...

एक बंधन नया पीछे से मुझको बुलाये
आने वाले कल की क्यूँ फ़िकर मुझको सता जाये

इक ऐसी चुभन इस लम्हें में है
इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा...

खुशियाँ चूम लूं ... या रो लूं ज़रा...
मर जाऊं या.. जी लूं ज़रा...


Abhi Mujh Mein Kahin Lyrics from Agneepath

abhi muz mai kahi..
baki thodi si hai zindagi..

jagi dhadkan nayi
jana zinda hu mai to abhi..

kuch aisi lagan
is lamhe mai hai
yeh lamha kaha tha mera...

abhi hai samne...
ise chu lu jara...
mar jau ya ji lu jara...

khushiya chum lu... ya ro lu jara...
mar jau ya.. ji lu jara...

abhi muz mai kahi
baki thodi si hai zindagi

dhoop mai jalte hua tan ko
chaya ped ki mil gayi..
ruthe bachhe ki hansi jaise
fusalane se fir khil gayi...

kuch aisa hi mahsus dil ko
ho raha
barso ke purane jakhmo pe marham
laga sa hai

kuch ehsas hai
is lamhe mai hai
yeh lamha kaha tha mera...

abhi hai samne...
ise chu lu jara...
mar jau ya ji lu jara...

khushiya chum lu... ya ro lu jara...
mar jau ya.. ji lu jara...

dor se patang jaisi
thi ye zindagi meri..
aj ho kal ho mera na ho
har din thi kahani meri...

ek bandhan naya piche se muzko bulaye
aane wale kal ki kyu fikir muzko sata jaye

ek aisi chubhan es lamhe mai hai
es lamhe mai hai
yeh lamha kaha tha mera...

khushiya chum lu... ya ro lu jara...
mar jau ya.. ji lu jara...

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