भाईयों, क़व्वाली गीतो के श्रेणी मैं पेश है, 'भर दो झोली मेरी या मुहम्मद' क़व्वाली के अल्फाज/बोल हिंदी मैं. यह क़व्वाली साल २०१५ मैं आयी फिल्म 'बजरंगी भाईजान' से है और लिखी है कौसर मुनीर ने. इसको गाया है गायक अदनान सामी ने और संगीत से सजाया है प्रीतम चक्रबर्ती ने. यह 'भर दो झोली मेरी या मुहम्मद' गीत सलमान खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और बेबी हर्षली मल्होत्रा (मुन्नी) पर फिल्माया गया है.
पेश है आपके लिये 'भर दो झोली मेरी या मुहम्मद' क़व्वाली हिंदी मैं. अमीन!
tere darbar main
पेश है आपके लिये 'भर दो झोली मेरी या मुहम्मद' क़व्वाली हिंदी मैं. अमीन!
फिल्म / एल्बम : बजरंगी भाईजान (2015)
संगीत दिया है: प्रीतम चक्रबर्ती
गीत के बोल: कौसर मुनीर
गायक: अदनान सामी
तेरे दरबार में
दिल थाम के वो आता है...
जिसको तू चाहे
हे नबी तू बुलाता है...
तेरे दर पर सर झुकाए..
मैं भी आ आ आ.. या... हूँ
जिसकी बिगड़ी हाये...
नबी चाहे तू बना ता है
भर दो झोली मेरी
या मुहम्मद
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली... (4)
बंद दीदों में
भर डाले आंसू
सिल दिए मैंने दर्दों को दिल में... (2)
जब तलक तू बना दे न तू बिगड़ी
दर से तेरे न जाये सवाली...
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली ...
भर दो झोली....
आकाजी ...
भर दो झोली....
हम सब की...
भर दो झोली....
नबी जी ....
भर दो झोली
मेरे सर्कार ए मदीना..
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली..
खोजते खोजते तुझको देखा
क्या से क्या नबी होगया हूँ (2)
बेखबर दरबार फिर रहा हूँ
मैं यहाँ से वहां हो गया हूँ (2)
दे दिया नबी मेरे दिल को दिलासा
आया हूँ दूर से मैं होके रूहासा... (2)
कर दे करम नबी
मुझ पे भी ज़रा सा
जब तलक तू ...(2)
पनाह दे न दिल की
दर से तेरे न जाए सवाली...
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली...
भर दो झोली मेरी ताजदार-ए-मदीना
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली...
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली
जानता है न तू
क्या है दिल में मेरे?
बिन सुने गिन रहा है न तू धड़कने (2)
आह!! निकली है तो.. चाँद तक जायेगी
तेरे तारों से मेरी दुआ आएगी (2)
ए नाबीहा
कभी तो सुबह आएगी...
जब तलक तू न सुनेगा न दिल की
दर से तेरे न जाए सवाली...
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली...
दे तरस खा
तरस मुझपे आका
अब लगा ले तू मुझको भी दिल से (2)
जब तलक
तू मिला दे न बिछड़ी...
दर से तेरे
न जाए सवाली...
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौटकर मैं न जाऊंगा खाली...
भर दो झोली, आकाजी...
भर दो झोली, हम सब की...
भर दो झोली, नबी जी...
भर दो झोली मेरी ताजदार -ए-मदीना
लौट कर मैं न जाऊंग खाली....
दम-दम अली-अली
दम अली-अली
दम अली-अली.....
Bhar Do Jholi Lyrics from Bajrangi Bhaijaan
tere darbar main
dil tham ke wo ata hai...
jisko tu chahe
hey nabi tu bulata hai...
tere dar par sar zukaye..
main bhi aa aa aa ..ya hu
jiski bigadi haye...
nabi chahe tu bana ta hai
bhar do jholi meri
ya muhhamad
lautakar main n jaunga khali... (4)
band dido mai
bhar dale ansu
sil diye maine dardo ko dil mai... (2)
jab talak tu bana de na tu bigadi
dar tere se tere n jaye sawali...
bhar do jholi meri ya muhhamad
lautakar main n jaunga khali...
bhar do jholi....
aakaji...
bhar do zoli....
hum sab ki...
bhar do zoli....
nabi ji....
bhar do jholi
mere sarkar e madina..
lautakar main n jaunga khali..
khojate khojate tuzko dekha
kya se kya nabi ho gaya hu (2)
bekhabar fir raha hu
mai yaha se waha ho gaya hu (2)
de diya nabi mere dil ko dilasa
aya hu dur se mai ho ke ruhasa... (2)
kar de karam nabi
muz pe bhi jara sa
jab talak tu...(2)
panah de n dil ki
dar se tere na jaye sawali...
bhar do jholi meri ya muhhamad
lautakar main n jaunga khali...
bhar do jholi meri tajdar-e-madina
lautakar main n jaunga khali..
bhar do jholi meri ya muhhamad
lautakar main n jaunga khali
janata hai n tu
kya hai dil main mere?
bin sune gin raha hai n tu dhadkane (2)
aahh!! nikali hai to.. chand tak jayegi
tere taro se meri dua ayegi (2)
ye nabiha
kabhi to subah ayegi...
jab talak tu na sunega na dil ki
dar se tere na jaye sawali...
bhar do jholi meri ya muhhamad
lautakar main n jaunga khali
de taras kha
taras muzpe aaka
ab laga le tu muzko bhi dil se (2)
jab talak tu bana de na tu bigadi...
dar tere se tere n jaye sawali...
bhar do jholi meri ya muhhamad
lautakar main n jaunga khali...
bhar do jholi, aakaji...
bhar do jholi, hum sab ki...
bhar do jholi, nabi ji...
bhar do jholi meri tajdar-e-madina
lautakar main n jaunga khali...
dum-dum ali-ali
dum ali-ali
dum ali-ali.....
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