दर्शको, देशभक्ती गीतो के श्रेणी मैं प्रस्तुत है, 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत के बोल हिंदी में. यह गीत १९७० मैं आयी फिल्म 'पूरब और पश्चिम' से है. इस गीत को लिखा है इन्दीवरजी ने और संगीतबद्ध किया है कल्याणजी-आनंदजी ने. 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत को गाया है महेंद्र कपूर ने और यह गीत मनोज कुमारजी पर चित्रित हुआ है.
इस जानकारी के साथ पेश है, 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत के बोल हिंदी में. जय हिंद!
इस जानकारी के साथ पेश है, 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत के बोल हिंदी में. जय हिंद!
फिल्म / एल्बम : पूरब और पश्चिम (1970)
संगीत दिया है: कल्याणजी-आनंदजी
गीत के बोल: इन्दीवर
गायक: महेंद्र कपूर
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने
मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आयी
तारों की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलायी
देता ना दशमलव भारत तो
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाज़ा लगाना मुश्किल था
सभ्यता जहाँ पहले आयी
पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
यूँ आगे बढ़ा
बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े
बढ़ता ही रहे और फूले-फले
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा...
काले-गोरे का भेद नहीं
हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको
हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मैं बात वो ही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ..
जीते हो किसी ने देश तो क्या
हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में
नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ
मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ...
इतनी ममता नदियों को भी
जहाँ माता कह के बुलाते हैं
इतना आदर इन्सान तो क्या
पत्थर भी पूजे जाते हैं
इस धरती पे मैंने जनम लिया
ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ...
Hai Preet Jahan Ki Lyrics from Purab Aur Paschim
jab zero diya mere bharat ne
bharat ne
mere bharat ne
duniya ko tab ginati ayi
taro ki bhasha bharat ne
duniya ko paheli sikhlayi
deta na dashmlav bharat to
yu chand pe jana mushkil tha
dharati air chand ki duri ka
andaja lagana mushkil tha
sabhyata jaha pahale ayi
pahle janmi hai jaha pe kala
apana bharat wo bharat hai
jiske piche sansar chala
sansar chala aur age badha
yu age bada
badta hi gaya
bhagwan kare ye aur bade
badta hi rahe aur fule fale
hai preet jahan ki reet sada
main geet waha ke gata hu
bharat ka rahne wala hu
bharat ki baat sunata hu
hai preet jahan ki reet sada...
kale gore ka bhed nahi
har dil se hamara naata hai
kuch aur na ata hai humko
hame pyar nibhana ata hai
jise man chuki sari duniya
main baat wo hi dohrata hu
bharat ka rehne wala hu
bharat ki baat sunata hu..
jite ho kisi ne desh to kya
humne to dilo ko jita hai
jaha ram abhi tak hai nar mai
nari mai abhi tak seeta hai
itne pawan hai log jaha
mai nit-nit shish zukata hu
bharat ka rehne wala hu
bharat ki baat sunata hu..
itani mamta nadiyo ko bhi
jaha mata kah ke bulate hai
itna adar insan to kya
pathar bhi puje jate hai
iss dharti pe maine janm liya
yeh soch ke mai itrata hu
bharat ka rehne wala hu
bharat ki baat sunata hu..
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