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Saturday, 19 October 2019

लगी आज सावन की - Lagi Aj Sawan Ki Lyrics from Chandni

बरसात का मौसम हो और 'लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है' गीत के बोल याद ना आये ऐसा मुमकिन ही नही. दोस्तो, इस बार ले के आये है १९८९ मे आयी फिल्म 'चांदनी' से 'लगी आज सावन की' गीत के बोल. यह गीत लिखा है आनंद बक्षीजी ने और बडे प्यार से गाया है सुरेश वाडकर, अनुपमा देशपांडे ने. 'लगी आज सावन की' गीत को संगीत से सजाया है हरीप्रसाद चौरसिया और शिव कुमार शर्माजी ने.

यह गीत अभिनेत्री श्री देवी पर चित्रित हुआ था और उनके साथ विनोद खन्ना दिखे. इस जानकारी के साथ पेश है 'लगी आज सावन की' गीत के बोल हिंदी मैं.


फिल्म / एल्बम : चांदनी (1989)
संगीत दिया है: हरीप्रसाद चौरसिया, शिव कुमार शर्मा
गीत के बोल: आनंद बक्षी
गायक: सुरेश वाडकर, अनुपमा देशपांडे

लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है

वही आग सीने में
फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है

कुछ ऐसे ही दिन थे
वो जब हम मिले थे
चमन में नहीं
फूल दिल में खिले थे

वही तो है मौसम
मगर रुत नहीं वो
मेरे साथ बरसात भी
रो पड़ी है..

लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है (2)

कोई काश दिल पे
ज़रा हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकड़ों को
एक साथ रख दे

मगर ये है ख़्वाबों
खयालों की बातें
कभी टूट कर चीज़
कोई जुडी है..

लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है.. (2)

वही आग सीने में
फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है..


    Lagi Aj Sawan Ki Lyrics from Chandni


    lagi aj sawan ki
    fir woh zadi hai
    lagi aj sawan ki
    fir woh zadi hai

    wahi aag sine mai
    fir jal padi hai
    lagi aj sawan ki
    fir woh zadi hai

    kuch aise hi din the
    woh jab hum mile the
    chaman mai nahi
    ful dil mai khile the

    wahi to hai mausam
    magar rut nahi woh
    mere sath barsat bhi
    roo padi hai..

    lagi aj sawan ki
    fir woh zadi hai (2)

    koi kash dil pe
    jara hanth rakh de
    mere dil ke tukdo ko
    ek sath rakh de

    magar yeh hai kwabo
    khayalo ki bante
    kabhi tut kar chees
    koi judi hai..

    lagi aj sawan ki
    fir woh zadi hai.. (2)

    wahi aag sine mai
    fir jal padi hai
    lagi aj sawan ki
    fir woh zadi hai..

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