बरसात का मौसम हो और 'लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है' गीत के बोल याद ना आये ऐसा मुमकिन ही नही. दोस्तो, इस बार ले के आये है १९८९ मे आयी फिल्म 'चांदनी' से 'लगी आज सावन की' गीत के बोल. यह गीत लिखा है आनंद बक्षीजी ने और बडे प्यार से गाया है सुरेश वाडकर, अनुपमा देशपांडे ने. 'लगी आज सावन की' गीत को संगीत से सजाया है हरीप्रसाद चौरसिया और शिव कुमार शर्माजी ने.
यह गीत अभिनेत्री श्री देवी पर चित्रित हुआ था और उनके साथ विनोद खन्ना दिखे. इस जानकारी के साथ पेश है 'लगी आज सावन की' गीत के बोल हिंदी मैं.
फिल्म / एल्बम : चांदनी (1989)
यह गीत अभिनेत्री श्री देवी पर चित्रित हुआ था और उनके साथ विनोद खन्ना दिखे. इस जानकारी के साथ पेश है 'लगी आज सावन की' गीत के बोल हिंदी मैं.
संगीत दिया है: हरीप्रसाद चौरसिया, शिव कुमार शर्मा
गीत के बोल: आनंद बक्षी
गायक: सुरेश वाडकर, अनुपमा देशपांडे
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है
वही आग सीने में
फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है
कुछ ऐसे ही दिन थे
वो जब हम मिले थे
चमन में नहीं
फूल दिल में खिले थे
वही तो है मौसम
मगर रुत नहीं वो
मेरे साथ बरसात भी
रो पड़ी है..
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है (2)
कोई काश दिल पे
ज़रा हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकड़ों को
एक साथ रख दे
मगर ये है ख़्वाबों
खयालों की बातें
कभी टूट कर चीज़
कोई जुडी है..
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है.. (2)
वही आग सीने में
फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की
फिर वो झड़ी है..
Lagi Aj Sawan Ki Lyrics from Chandni
lagi aj sawan ki
fir woh zadi hai
lagi aj sawan ki
fir woh zadi hai
wahi aag sine mai
fir jal padi hai
lagi aj sawan ki
fir woh zadi hai
kuch aise hi din the
woh jab hum mile the
chaman mai nahi
ful dil mai khile the
wahi to hai mausam
magar rut nahi woh
mere sath barsat bhi
roo padi hai..
lagi aj sawan ki
fir woh zadi hai (2)
koi kash dil pe
jara hanth rakh de
mere dil ke tukdo ko
ek sath rakh de
magar yeh hai kwabo
khayalo ki bante
kabhi tut kar chees
koi judi hai..
lagi aj sawan ki
fir woh zadi hai.. (2)
wahi aag sine mai
fir jal padi hai
lagi aj sawan ki
fir woh zadi hai..
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