पाठको, पेश है २०१९ साल की सुपरहिट फिल्म 'कबीर सिंग' से 'बेख़याली में भी तेरा' गीत के बोल हिंदी मैं. यह गाना 'कबीर सिंग' फिल्म के प्रसिद्ध गानो में से एक है. 'बेख़याली' गीत को लिखा है इरशाद कामिल ने और इसे संगीत से सजाया है सचेत-परंपरा ने. 'बेख़याली में भी तेरा' गीत को गाया है सचेत टंडन और अरिजीत सिंह ने. यह गीत शाहिद कपूर पर चित्रित हुआ है और उनके अभिनय को बहुत सरहया गया है.
इस जानकारी के साथ प्रस्तुत है, 'बेख़याली में भी तेरा' गीत के बोल हिंदी मैं. आनंद ले!
फिल्म / एल्बम : कबीर सिंह (2019)
संगीत दिया है: सचेत-परंपरा
गीत के बोल: इरशाद कामिल
गायक: सचेत टंडन, अरिजीत सिंह
बेख़याली.. में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ बिछड़ना... है ज़रूरी
ये सवाल आए..
तेरी नज़दीकियों... की ख़ुशी
बेहिसाब थी
हिस्से में फ़ासले.. भी तेरे
बेमिसाल आए..
मैं जो तुझसे दूर हूँ
क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ
आ तू फासला मिटा
तू ख़्वाब सा मिला
क्यूँ ख़्वाब तोड़ दूँ
बेख़याली में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ जुदाई दे गया तू
ये सवाल आए
थोड़ा सा मैं खफ़ा..
हो गया
अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह
ही मलाल आए
है ये तड़पन है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे
ये जो लोग बाग हैं
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूँ
ये नाकाम प्यार में
खुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ
रातें.. देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ... कैसे तुझे
तू तो ख़यालों में साथ है
बेख़याली में भी...
नज़रों के आगे
हर इक मंज़र..
रेत की तरह
बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा
बदन में मेरे
ज़हर की तरह
उतर रहा है
नज़रों के आगे...
आ ज़माने... आज़मा ले... रूठता नहीं
फ़ासलों से.. हौंसला ये.. टूटता नहीं
ना है वो बेवफ़ा.. और ना.. मैं हूँ बेवफ़ा
वो मेरी आदतों.. की तरह.. छूटता नहीं
इस जानकारी के साथ प्रस्तुत है, 'बेख़याली में भी तेरा' गीत के बोल हिंदी मैं. आनंद ले!
संगीत दिया है: सचेत-परंपरा
गीत के बोल: इरशाद कामिल
गायक: सचेत टंडन, अरिजीत सिंह
बेख़याली.. में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ बिछड़ना... है ज़रूरी
ये सवाल आए..
तेरी नज़दीकियों... की ख़ुशी
बेहिसाब थी
हिस्से में फ़ासले.. भी तेरे
बेमिसाल आए..
मैं जो तुझसे दूर हूँ
क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ
आ तू फासला मिटा
तू ख़्वाब सा मिला
क्यूँ ख़्वाब तोड़ दूँ
बेख़याली में भी तेरा
ही ख्याल आए
क्यूँ जुदाई दे गया तू
ये सवाल आए
थोड़ा सा मैं खफ़ा..
हो गया
अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह
ही मलाल आए
है ये तड़पन है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे
ये जो लोग बाग हैं
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूँ
ये नाकाम प्यार में
खुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ
रातें.. देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ... कैसे तुझे
तू तो ख़यालों में साथ है
बेख़याली में भी...
नज़रों के आगे
हर इक मंज़र..
रेत की तरह
बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा
बदन में मेरे
ज़हर की तरह
उतर रहा है
नज़रों के आगे...
आ ज़माने... आज़मा ले... रूठता नहीं
फ़ासलों से.. हौंसला ये.. टूटता नहीं
ना है वो बेवफ़ा.. और ना.. मैं हूँ बेवफ़ा
वो मेरी आदतों.. की तरह.. छूटता नहीं
Bekhayali Lyrics from Kabir Singh
bekhayali.. mai bhi tera
hi khayal aye
kyu bichadna... hai jaruri
yeh swala aye..
teri najdikiyo... ki khushi
nehisab thi
hisse mai fasale.. bhi tere
bemisal aye..
main jo tuzse dur hu
khyu dur main rahu
tera gurur hu
aa tu fasla mita
tu kwab sa mila
kyu kwab tod du
bekhayali mai bhi tera
hi khayal aye
kyu judai de gaya tu
yeh sawal aye
thoad sa mai khafa..
ho gaya
apane aap se
thoda sa tuzpe bhi bewajeh
hi malal aye
hai ye tadpan hai ye ulzan
kaise ji lu bina tere
meri ab sab se hai anban
bante kyu ye khuda mere
ye jo log bag hai
jangal ki aag hai
kyu aag mai jalu
ye nakam pyar mai
khush hai ye har mai
is jaisa kyu banu
raate.. dengi bata
nindo mai teri hi baat hai
bhulu... kaise tuze
tu to kayalo mai sath hai
bekhayali mai bhi...
nazaro ke aage
har ik manjar..
ret ki tarah
bikhar raha hai
dard tumhara
badan mai mere
zeher ki tarha
utar raha hai
najro ke aage...
aa jamane... aajma le... ruthta nahi
fansalo se.. hausala yeh.. tutata nahi
na hai wo bewafa.. aur na.. mai hu bewafa
woh meri andato.. ki tarha.. chutata nahi
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