पाठको, इस बार हम आपके लिये ले आये है २००७ मै आयी फिल्म 'तारे ज़मीं पर' के शीर्षक गीत के बोल. 'खो ना जाये ये तारे ज़मीं पर' गीत लिखा है प्रसून जोशी ने और इसे संगीतबद्द किया है शंकर-एहसान-लॉय ने. यह फिल्म विशेष बच्चो पर बनायी गयी थी और इसमे, उन को शालेय जीवन मे होनी वाली तकलीफे दिखाई गयी थी. यह गाना अमीर खान और कुछ बच्चो पर फिल्माया गया है. 'खो ना जाये ये तारे ज़मीं पर' गीत को गाया है शंकर महादेवन ने और इनके आवाज ने इस गीत को पुरा न्याय दिया है.
इस विस्तृत जानकारी के बाद, पेश है संपूर्ण 'तारे ज़मीं पर' के शीर्षक गीत के बोल हिंदी मै. कृपया आनंद ले. धन्यवाद!
इस विस्तृत जानकारी के बाद, पेश है संपूर्ण 'तारे ज़मीं पर' के शीर्षक गीत के बोल हिंदी मै. कृपया आनंद ले. धन्यवाद!
फिल्म / एल्बम : तारे ज़मीन पर (2007)
संगीत दिया है: शंकर एहसान लॉय
गीत के बोल: प्रसून जोशी
गायक: शंकर महादेवन, डोमिनिक सेरेजो, विविएने पोचा
देखो इन्हें ये हैं ओस की बूँदें
पत्तों की गोद में आसमां से कूदे
अंगड़ाई लें फिर करवट बदल कर
नाज़ुक से मोती हंस दे फिसल कर
खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर
ये तो हैं सर्दी में धूप की किरणें
उतरें जो आँगन को सुनहरा सा करने
मन के अंधेरो को रोशन सा कर दें
ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दें
खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर
जैसे आँखों की डिबिया में निंदिया
और निंदिया में मीठा सा सपना
और सपने में मिल जाए फरिश्ता सा कोई
जैसे रंगों भरी पिचकारी
जैसे तितलियाँ फूलों की क्यारी
जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई
ये तो आशा की लहर हैं
ये तो उम्मीद की सहर हैं
खुशियों की नहर हैं
खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर
देखो रातों के सीने पे ये तो
झिलमिल किसी लौ से उगे हैं
ये तो अंबियो की खुश्बू हैं
बागों से बह चले
जैसे काँच में चूड़ी के टुकड़े
जैसे खिले खिले फूलों के मुखड़े
जैसे बंसी कोई बजाए पेड़ों के तले
ये तो झोंके हैं पवन के
हैं ये घुंघरू जीवन के
ये तो सुर हैं चमन के
खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर
मुहल्ले की रौनक गलियाँ हैं जैसे
खिलने की ज़िद पर कलियाँ हैं जैसे
मुट्ठी में मौसम की जैसे हवायें
ये हैं बुज़ुर्गों के दिल की दुआएं
खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर
कभी बातें जैसे दादी नानी
कभी चले जैसे मम मम पानी
कभी बन जाएँ भोले सवालों की झड़ी
सन्नाटे में हँसी के जैसे
सूने होठों पे खुशी के जैसे
ये तो नूर हैं बरसे गर
तेरी किस्मत हो बड़ी
जैसे झील में लहराए चंदा
जैसे भीड़ में अपने का कंधा
जैसे मनमौजी नदिया
झाग उड़ाए कुछ कहे
जैसे बैठे बैठे मीठी सी झपकी
जैसे प्यार की धीमी सी थपकी
जैसे कानों में सरगम
हरदम बजती ही रहे
जैसे बरखा उडाती है निंदिया...
Taare Zameen Par Lyrics Title Song
dekho inhe ye hai oos ki bunde
patto ki god mai asama se kude
angadayi le fir karvat badal kar
najuk se moti hans de fisal kar
kho na jaye ye taare zameen par
ye to hai sardi mai dhup ki kirne
utare jo angan ko sunhera sa karne
man ke andhero ko roshan sa kar de
tithurti hateli ki rangat badal de
kho na jaye ye taare zameen par
jaise ankho ki dibiya mai nindiaya
aur nidiya mai meetha sa sapna
aur sapne mai mil jaye farista sa koi
jaise rango bhari pichakari
jaise titliya phulo ki pyari
jaise bina matlab ka pyara rista ho koi
ye to asha ki leher hai
ye to ummid ki seher hai
khushiyo ki nahar hai
kho na jaye ye taare zameen par
dekho ranto ke sine pe ye to
zilmil kisi lau se uge hai
ye to ambiyo ki khushbu hai
bango se beh chale
jaise kanch mai chudi ke tukde
jaise khile khile phulo ke mukhde
jaise bansi koi bajaye pedo ke tale
ye to zonke hai pavan ke
hai ye ghungaru jeevan ke
ye to sur hai chaman ke
kho na jaye ye taare zameen par
mohhale ki raunak galiya hai jaise
khilne ki jidd par kaliya hai jaise
mutthi mai mausam ki jaise hawaye
ye hai bujurgo ke dil ki duaye
kho na jaye ye taare zameen par
kabhi bante jaise dadi nani
kabhi chale jaise mam mam paani
kabhi ban jaye bole sawalo ki zadi
sannate mai hansi ke jaise
sune honto pe khushi ke jaise
ye to noor hai barse gar
teri kismat ho badi
jaise zeel mai lehraye chanda
jaise bhid mai apane ka kandha
jaise manmauji nadiya
zaag udaye kuch kahe
jaise baithe baithe mithi si zapki
jaise pyar ki dhimi si thapki
jaise kano mai sargam
hardam bajti hi rahe
jaise barkha udati hai nindiya...
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