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Tuesday, 24 September 2019

बच्चे मन के सच्चे - Bachche Man Ke Sachche Lyrics from Do Kaliyan

प्यारे बहनो और भाइयों, आपके सामने पेश है १९६८ मै आयी फिल्म 'दो कलियाँ' से 'बच्चे मन के सच्चे' गीत के बोल. 'बच्चे मन के सच्चे' गीत को लिखा था साहिर लुधियानवीजी ने और इस गाने को संगीत बद्द किया था रवी ने. यह गाना बहुत ही खुबसुरती से गाया है लता मंगेशकर दीदी ने, यही कारण है की १९६९ का गाना आज के दौर मै भी सुना जा रहा है.

इसे हम बालगीत भी कह सकते है, पेश है इसी संपूर्ण 'बच्चे मन के सच्चे' गीत के बोल हिंदी मै. आशा है आप सभी को पसंद आयेंगे. धन्यवाद!


फिल्म / एल्बम : दो कलियाँ (1968)
संगीत दिया है: रवि
गीत के बोल: साहिर लुधियानवी
गायक: लता मंगेशकर

बच्चे मन के सच्चे
सारे जग की आँख के तारे
ये वो नन्हें फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे...

खुद रूठे, खुद मन जायें, फिर हमजोली बन जायें
झगड़ा जिसके साथ करे, अगले ही पल फिर बात करे
इनको किसी से बैर नहीं, इनके लिए कोई ग़ैर नहीं
इनका भोलापन मिलता है सबको बाँह पसारे
बच्चे मन के सच्चे...

इन्साँ जब तक बच्चा है, तब तक समझो सच्चा है
ज्यूँ-ज्यूँ उसकी उमर बढ़े, मन पर झूठ का मैल चढ़े
क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे, लालच की आदत घेरे
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे
बच्चे मन के सच्चे...

तन कोमल, मन सुन्दर है, बच्चे बड़ों से बेहतर हैं
इनमें छूत और छात नहीं, झूठी ज़ात और पात नहीं
भाषा की तकरार नहीं, मज़हब की दीवार नहीं
इनकी नज़रों में एक है, मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे
बच्चे मन के सच्चे...



Bachche Man Ke Sachche Lyrics from Do Kaliyan


bachche man ke sachche
saare jag ki ankh ke taare
ye wo nanhe phul hai jo
bhagwan ko lagte pyare
bachche man ke sachche...

khud ruthe, khud man jaye, fir humjoli ban jaye
zagda jiske sath kare, agale hi pal fir baat kare
inko kisi se bair nahi, inke liye koi gair nahi
inka bholapan milta hai sabko baah pasare
bachche man ke sachche...

insa jab tak bachha hai, tab tak samjo sachha hai
jyo-jyo uski umar bade, man par zut ka mail chade
krodh bade, nafarat ghere, lalach ki aadat ghere
bachpan in papo se hatkar apani umar gujare
bachche man ke sachche...

tan komal, man sundar hai, bachhe bado se behtar hai
inmai chut aur chat nahi, zuti jaat aur paat nahi
bhasha ki takrar nahi, mahjab ki deewar nahi
inki najro mai ek hai, mandir masjid gurudvare
bachche man ke sachche...

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