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Tuesday 12 November 2019

हम लाये हैं तूफ़ान से - Hum Laye Hain Toofan Se Lyrics from Jagriti

भाईयों, देशभक्ती गीत श्रेणी मैं प्रस्तुत है, 'हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के' गीत के बोल हिंदी में. यह गीत १९५४ में आयी फिल्म 'जागृति' से है, गीत के शब्द लिखे हैं प्रदीप ने. 'हम लाए हैं तूफ़ान से' गीत को गाया है मो.रफ़ी साहब ने और इस गीत को संगीत दिया है हेमंत कुमारजी ने. यह गीत प्रदर्शित हो कर ५० साल से भी ज्यादा वक्त हो गया है मगर अभी भी यह गीत प्रेरणा देता हैं.

इस संक्षिप्त जानकारी के साथ पेश है, 'हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के' गीत के बोल हिंदी में. जय हिंद!




फिल्म / एल्बम : जागृति (1954)
संगीत दिया है: हेमंत कुमार
गीत के बोल: प्रदीप
गायक: मुहम्मद रफ़ी

पासे सभी उलट गए दुशमन कि चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के

मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के

हम लाए हैं तूफान से
कश्ती निकाल के
इस देश को रखना
मेरे बच्चो संभाल के (2)

तुम ही भविष्य हो मेरे
भारत विशाल के
इस देश को रखना
मेरे बच्चो संभाल के

देखो कहीं बरबाद न होए ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के

दुनियां के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है
लंबा है रास्ता

भटका न दे कोई तुम्हें
धोके में डाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के

एटम बमों के जोर पे
ऐंठी है ये दुनियां
बारूद के इक ढेर पे
बैठी है ये दुनियां
तुम हर कदम उठाना
जरा देखभाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के

आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन हो के न झूलो
अब वक्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो
उठो छलांग मार के
आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन में
तिरंगा उछाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के

हम लाए हैं तूफान से
कश्ती निकाल के
इस देश को रखना
मेरे बच्चो संभाल के





Hum Laye Hain Toofan Se Lyrics from Jagriti


pase sabhi ulat gaye dushman ki chal ke
akshar sabhi palat gaye bharat ke bhal ke

manjil pe aya mulk har bala ko tal ke
sadiya ke baad fir ude badal gulal ke

hum laye hain toofan se
kasti nikal ke
is desh ko rakhna
mere bachho sambhal ke (2)

tum hi bhavishya ho mere
bharat vishal ke
is desh ko rakhna
mere baccho sambhal ke

dekho kahi barbad n hoye ye bagicha
isko hruday ke khun se bapu ne hai sicha
rakha hai yeh chirag shahido ne bal ke
is desh ko rakhna mere bachho sambhal ke

duniya ke dav pench se rakhna na vasta
manjil tumari dur hai
lamba hai rasta

bhatka na de koi tumhe
dhoke mai dal ke
is desh ko rakhna mere bachho sambhal ke

itom bamo ke jor pe
aithi  hai ye duniya
barud ke ek der pe
baithi hai ye duniya
tum har kadam uthana
jara dekhbhal ke
is desh ko rakhna mere bachho sambhal ke

aaram ki tum bhul bhulayya mai na bhulo
sapne ke hidolo pe magan ho ke zulo
ab wakt aa gaya mere haste hua fulo
utho chalang mar ke
aakash ko chu lo
tum gad do gagan mai
tiranga uchal ke
is desh ko rakhna mere bachho sambhal ke

hum laye hain toofan se
kasti nikal ke
is desh ko rakhna
mere bachho sambhal ke 

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